राजू सिंह ठाकुर, निलेश धनकर
गाय बछड़ें को जन्म देने के लिए बीच सड़क पर दर्द से तड़प रही थी गाय की आने जाने वाले लोग वेदना को सह तो नही पा रहे थे पर बछड़ें को जन्म कैसे कराना है इसकी जानकारी नही होने के कारण कोई भी आगे नही आ रहा था जब 112 के आरक्षक ओंकार सिंह राजपूत को इसकी जानकारी मिली तब उसने बिना देर कि मौके पर पहुंचा और पहले बछडें का जन्म कराया और गंदा पानी पी चुके बिछडे़ं को पहले लीटाकर निकाला और बछड़ें की सांसे चल सके इसके लिए अपने ही मुंह से फूंक कर आक्सीजन दी। आधे घंटे के इस घटना क्रम में वहां जो भी खड़ा था वह आरक्षक के लिए तालीयां बजाकर आरक्षक ओंकार सिंह राजपूत का सम्मान बढ़ाया।

नगर में सड़कों पर मवेशीयों का जमावड़ा बना हुआ है मवेशी मालिक अपने जानवरों को सुबह दूध दूहकर सड़कों पर छोड़ देते है मवेशी दिनभर सड़कों पर घुमकर कभी कभी दूर्घटना कारण भी बनते है ऐसे ही आज एक गाय जो गर्भवती थी उसका मालिक उसे सड़क पर छोड़ दिया था इस गाय की प्रवस पीड़ा नया बस स्टैण्ड सब्जी बाजार के पास उठनी शुरू हुई गाय दर्द से तड़प रही थी और जोर जोर से वेदना से चिल्ला रही थी आसपास सब्जी खरीद रहे और वहां से गुजर रहे लोग प्रसव पीड़ा से तड़प रही गाय को वेदना से देख रहे थे क्योंकि उन्हें जन्म कराना नही आता था किसी ने इसकी जानकारी 112 में बैठे आरक्षक ओंकार सिंह राजपूत को दी तब दौड़कर ओंकार गाय के पास गया और पहले बछड़ें को काफी प्रयास के बाद जन्म कराया बछड़ें का जन्म विलंब होने के कारण गंदा पानी मुंह में चला गया था जिसे मां के गर्भ बछड़ें के बाहर आते ही ओंकार सिंह ने पहले बछड़ें को उल्टा कर उसके मुंह से हाथ डालकर गंदा पानी निकाला और फिर बछड़ें के मुंह से मुंह लगाकर आक्सीजन दिया तब बछड़ें की सांसे शुरू हो गई वहां आस पास खड़ें लोगों ने आरक्षक की सराहना की।


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